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कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर फैल रही गलत जानकारियों पर नीति आयोग की लगाम,


नई दिल्ली,। कोरोना टीकाकरण को लेकर फैल रही भ्रामक जानकारियों पर नीति आयोग ने गुरुवार को लगाम लगा दी है। नीति आयोग का कहना है कि भारत के टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर कई मिथक फैल रहे हैं। ये मिथक विकृत बयानों और अर्धसत्य के कारण फैल रहे हैं। नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पॉल ने इन मिथकों को लेकर तथ्य प्रस्तुत किए हैं। आइए जानते हैं,मिथकों पर नीति आयोग के तथ्य क्या हैं-
मिथक -केंद्र ने विश्व स्तर पर उपलब्ध टीकों को मंजूरी नहीं दी है।
तथ्य -नीति आयोग ने कहा कि केंद्र ने अप्रैल में भारत में यूएस एफडीए, इएमए, यूके के एमएचआरए, जापान के पीएमडीए और डब्ल्यूएचओ की आपातकालीन उपयोग सूची द्वारा मंजूर टीकों के प्रवेश को आसान बना दिया है। इन्हें पहले विभिन्न परीक्षणों से गुजरने की आवश्यकता नहीं होगी।
नीति आयोग ने आगे कहा कि दूसरे देशों में निर्मित अच्छी तरह से स्थापित टीकों के लिए परीक्षण आवश्यकता को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए प्रावधान में अब और संशोधन किया गया है। ड्रग कंट्रोलर के पास अप्रूवल के लिए किसी विदेशी निर्माता कंपनी का कोई आवेदन लंबित नहीं है।
मिथकः-केंद्र हीं निभा रहा राज्यों के प्रति अपनी जिम्मेदारी।
तथ्य-नीति आयोग ने कहा कि केंद्र कोरोना टीकाकरण को निःशुल्क करने के लिए राज्यों की पूरी तरह से मदद कर रहा है। इसके लिए वैक्सीन निर्माताओं को फंडिंग की जा रही है, विदेशी टीकों के उत्पादन में तेजी लाने के लिए त्वरित मंजूरी देने से लेकर केंद्र सभी तरह से मदद कर रहा है।
नीति आयोग ने कहा कि यह सभी राज्यों को बहुत अच्छी तरह से पता है। भारत सरकार ने केवल राज्यों को उनके स्पष्ट अनुरोधों पर टीकों की खरीद का प्रयास करने में सक्षम बनाया है।
मिथक- केंद्र राज्यों को पर्याप्त टीके नहीं दे रहा है।
तथ्य- आयोग ने कहा कि केंद्र ने राज्यों को दिशा-निर्देशों के अनुसार पर्याप्त टीके आवंटित किए हैं। राज्यों को वैक्सीन की उपलब्धता के बारे में पहले से सूचित किया जा रहा है। जल्द ही वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ने वाली है।
मिथकः -बच्चों के टीकाकरण के लिए केंद्र की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।
तथ्य-नीति आयोग ने कहा कि अभी तक दुनिया के किसी भी देश में बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू नहीं हुआ है। साथ ही डब्ल्यू.एच.ओ. के पास बच्चों का टीकाकरण करने की कोई सिफारिश नहीं है। बच्चों में टीकों की सुरक्षा को लेकर उत्साहजनक अध्ययन हुए हैं।
आयोग ने बताया कि भारत में जल्द ही बच्चों के लिए वैक्सीन का ट्रायल शुरू होने जा रहा है। नीति आयोग ने आगे कहा कि हालांकि बच्चों का टीकाकरण इस आधार पर नहीं होना चाहिए कि व्हाट्सएप पर ऐसी जानकारियां फैलाई जा रही हैं जिससे लोगों में घबराहट हो या कुछ राजनेता इस पर राजनीति करना चाहते हैं। परीक्षणों के आधार पर पर्याप्त डाटा उपलब्ध होने के बाद वैज्ञानिकों द्वारा यह निर्णय लिया जाना है।

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